तेरी जुल्फ़ों की छाँव तले
एक स्वप्न सजाया मैंने 
प्यार  की सौगात से 
एक घरोंदा  बनाया मैंने |
है यही मंदिर मेरा 
छोटा सा संसार मेरा 
छोटी बड़ी खुशियों का 
है अपूर्व भण्डार यहाँ |
दिन भर धटती घटनाओं से 
जब कभी क्लांत होता हूँ 
पा कर सान्निध्य तेरा 
चिंता मुक्त होता हूँ |
यहाँ बिताए हर पल से 
जो सुकून मिलता है 
तेरी पनाह में रहने का 
ख्याल सजीव रहता है 
क्षय होता पल पल कहता है 
जिन्दगी जी भर कर जी ले 
मन में कोइ साध न रहे 
सभी पूर्ण कर ले |






