सड़कें हैं सूनी सूनी
 काल चक्र थम सा गया है 
किसी ने कहा
सारा देश  सो रहा
है 
पर यह  सच्चाई  नहीं है 
बाहरी कार्य हुए स्थगित तो क्या 
अब तो समय मिला है
 बहुत कुछ सोचने का 
पहले तो कहते थे 
समय कम  पड़ जाता
है
आवश्यक कार्य ही  
 मुश्किल से
हो पाते हैं 
यदि कोई अतिरिक्त काम 
सामने आ जाए
 भार सा लगने लगता था 
पर अब
अवकाश मिला  है
 कुछ नया सोचने का  
 नवीन सृजन करने का  
यूँ सोचो तो  व्यर्थ लगेगा
 धर
में पड़े रहना  
पर सोचा जाए तो यह 
कितना बड़ा कार्य  हैं 
कोरोना महामारी से 
दो चार हाथ करके 
घर में रह कर
 वृद्धों की देख रेख करना 
सामाजिक अंतर रख कर 
मुंह को मास्क से ढक कर 
 बारम्बार हस्त  धो कर
 महामारी से बचे रहना 
यही है सच्ची भक्ति
 अपने देश वासियों के  प्रति 
कर्तव्य निष्ठा सरकार के प्रति|
                                             आशा