(१)  उम्र ने दी जो दस्तक तेरे दरवाजे पर ,
तेरा मन क्यों घबराया ,
इस जीवन में है ऐसा क्या ,
जिसने तुझे भरमाया ,
अब सोच अगले जीवन की ,
मिटने को है तेरी काया|
                 (२) तेरा मेरा बहुत किया ,  
                        पर सबक लिया न कोई ,
               शाश्वत जीवन की मीमांसा ,
                 जान सका न कोई ,
                   धू धू कर जल गई चिता ,
                  पर साथ न आया कोई |
आशा
Very thoughtful post. One should always extract positivity from everything happening all around.
जवाब देंहटाएंकल 07/12/2011को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
जवाब देंहटाएंधन्यवाद!
सुन्दर और सटीक क्षणिकाएँ
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