04 सितंबर, 2010

प्रेरणा एक शिक्षक से

आसपास के अनाचार से ,
खुद को बचाकर रखा ,
पंक में खिले कमल की तरह ,
कीचड से स्वम् को बचाया तुमने ,
सागर में सीपी बहुत थी ,
अनगिनत मोती छिपे थे जिनमे ,
उनमे से कुछ को खोजा ,
बड़े यत्न से तराशा तुमने,
आज जब आभा उनकी दिखती है ,
प्रगति दिग दिगंत में फैलती है ,
लगता है जाने कितने,
प्यार से तराशा गया है ,
उनकी प्रज्ञा को जगाया गया है ,
काश सभी तुम जैसे होते ,
कच्ची माटी जैसे बच्चों को ,
इसी प्रकीर सुसंस्कृत करते ,
अच्छे संस्कार देते ,
स्वच्छ और स्वस्थ मनोबल देते ,
अपने बहुमूल्य समय में से ,
कुछ तो समय निकाल लेते ,
फूल से कोमल बच्चों को ,
विकसित करते सक्षम करते ,
जो कर्तव्य तुमने निभाया है ,
सन्देश है उन सब को ,
तुम से कुछ सीख पाएं ,
नई पौध विकसित कर पाएं ,
खिलाएं नन्हीं कलियों को ,
कई वैज्ञानिक जन्म लेंगे ,
अपनी प्रतिभा से सब को ,
गौरान्वित करेंगे ,
जीवन में भी सफल रहेंगे ,
अन्य विधाओं में भी ,
अपनी योग्यता सिद्ध करेंगे ,
जब रत्नों की मंजूषा खुलेगी ,
कई अनमोल रत्न निकलेंगे |
आशा

11 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत उम्दा रचना. अच्छा लगा पढ़कर.

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  2. सभी शिक्षकों और छात्रों को इस रचना से प्रेरणा लेनी चाहिए ! सबके विचारों को उत्तेजित करती एक सार्थक प्रस्तुति ! बधाई एवं आभार !

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  3. श्रेष्ठ कविता का उदाहरण........

    वाह वाह

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  4. sach kaha aapne itne acchhe sanskaar daalna ek bacchhe me sone ki iit galane ke barabar hota he aisa hamare buzurg kahte hai...aur ab lagta he ye sach hi hai.

    sunder post.

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  5. सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की बधाई।

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  6. प्रेरणा एक शिक्षक से ( ५ सितम्बर शिक्षक दिवस )

    सागर में सीपी बहुत थी, अनगिनत मोती छिपे थे जिनमे,
    उनमे से कुछ को खोजा, बड़े यत्न से तराशा तुमने,

    अति सुन्दर आशा जी आज के दिन हमारे गुरुओं की एक बहुत ही सुनहरी याद दिलाने के लिये धन्यवाद
    सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की बधाई।

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  7. सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की बधाई।

    जवाब देंहटाएं

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