ए मेरे मन
न जाने कहाँ
खो गया है
चैन सारा हर लिया है |
चैन सारा हर लिया है |
खैर मना कि मैंने
दर्ज न कराई
कोई शिकायत
तेरे खो जाने की
नहीं तो क्या हाल होता |
कैद से
निकल नहीं पाता
रोता चीखता
कितनी भी
मिन्नतें करता |
आभार मान सब का
किसी ने बंधक न बनाया
बहुत मुश्किल से
तेरा सुराग पाया |
हूँ आश्वस्त
कभी तो मिलेगा
मेरी खोज का
अंत होगा |
आभार मान सब का
किसी ने बंधक न बनाया
बहुत मुश्किल से
तेरा सुराग पाया |
हूँ आश्वस्त
कभी तो मिलेगा
मेरी खोज का
अंत होगा |
आशा
यही आश्वस्ति आगे बढ़ाने को प्रेरित करती है ....!!
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना ।
मन तो चंचल है ,उसे बांधना मुस्किल है
जवाब देंहटाएंखोज खबर लेते रहे ,कहाँ कहाँ जाता है |
बहुत सुन्दर !
नई पोस्ट आम आदमी !
नई पोस्ट लघु कथा
इस बार आप ही अपने इस चंचल मन को बंधक बना लीजियेगा कि खोजने की नौबत ही ना आये ! बहुत ही सुंदर रचना ! मज़ा आ गया !
जवाब देंहटाएंहूँ आश्वस्त
जवाब देंहटाएंकभी तो मिलेगा
मेरी खोज का
अंत होगा |
बस यही जज्बात आगे बढ़ाते है....
बहुत ही सुन्दर रचना....
:-)
शानदार,सुंदर अभिव्यक्ति ...!
जवाब देंहटाएंRECENT POST -: कुसुम-काय कामिनी दृगों में,
सूचना हेतु धन्यवाद सर |
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