Akanksha -asha.blog spot.com
18 जून, 2014
मानव दानव हुआ
कण कण धरा का
हुआ रक्त रंजित
होते व्यभिचारों से
संवेदनाएं मर गईं
लोगों के व्यवहारों से
ना कोइ रिश्ता
सच दीखता
मानव दानव हुआ
बुद्धिहीन व्यवहार उसका
शर्मसार कर गया |
आशा
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