तुम क्या जानो
है आशा क्या ?
है उसका महत्त्व क्या ?
कभी सोच कर देखना
हो अधूरे आशा बिना
जहां कहीं उससे मिलोगे
उसी पर खरे उतरोगे
जग में जाने जाओगे
आशावान कहलाओगे
लोग तुम्हें सराहेंगे
सब के प्रिय हो जाओगे
आशा की आभा चहरे पर
अद्भुद प्रभाव छोड़ेगी
वही आभा दूर तक
साथ तुम्हारा देगी
कण कण से प्रसन्नता मिलेगी
संतुष्टि सदा मिलेगी
जिसने आशा को जाना
उसे आत्मसात किया
वही सफल रहा
पूर्ण सुखी जीवन जिया |
आशा
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