मैंने चतुर्थी का व्रत रखा है
यदि समय पर न आए
मैं तुमसे ग़ुस्सा हो जाऊंगी
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मैं भूखी रहूँ या न रहूँ
मुझे कोई फर्क नही पड़ता
पर सभी परेशान हो जाते हैं
बताओ मैं क्या करू किसकी सुनूं |
मैंने मन चाहा वर पा लिया है
दुनिया की नियामत मुझे मिली है
जो चाहा हर बात पूरी हुई है
|पर यदि व्रत छोड़ा
आने वाली पीढ़ी क्या शिक्षा लेंगी
कुछ तो ख्याल रखना होगा
तुम्हें मेरा साथ देना होगा |
समय के महत्व् को जानो
समय की सीमा न लाघों
बस यही अरदास है तुमसे
अधिक परिक्षा न करवाओ |
आशा
करवा चौथ का चन्द्रमा बिना नखरे दिखाए कैसे दर्शन दे दे ! आज ही का दिन ही तो मिलता है उसे भाव दिखाने को ! कल भी कितनी देर बाद दर्शन दिए उसने ! हा हा हा !
जवाब देंहटाएं1hanks
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