12 फ़रवरी, 2023

शब्दों का चयन

   किसी के ना सपने सजाए कहाँ जाती 

उसने मना किया वे प्यार न कर सके

तुमने तो समझ लिया है

उसे अपनाने की पेशकस की |

पर वहआगे न बढ़ सकी

वहीं की वहीं रही 

मन की पीड़ा न बांटी 

उसने उसे अपनाया नहीं  

उस भेद को मन में रखा खुद के अंतस में |

वह प्यार और प्रेम में विभेद न कर पाई

 शब्दों का लिवास उनको पहना ना पाई  

   शब्दों का चयन ना कर पाई सिंगार ना किया 

    यहीं उसने मात खाई |

अपने पर क्रोध आया उसे 

कोई रास्ता न सूझा वहीं की वहीं रही  

 दो कदम आगे तक न बढ़ पाई 

यही  उसने मात खाई |

आशा सक्सेना

 


2 टिप्‍पणियां:

  1. प्रेम को स्वीकार करने के लिए साहस की ज़रुरत होती है ! उम्दा अभिव्यक्ति !

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  2. धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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