उसने मना किया वे प्यार न कर सके
तुमने तो समझ लिया है
उसे अपनाने की पेशकस की |
पर वहआगे न बढ़ सकी
वहीं की वहीं रही
मन की पीड़ा न बांटी
उसने उसे अपनाया नहीं
उस भेद को मन में रखा खुद के अंतस में |
वह प्यार और प्रेम में विभेद न कर पाई
शब्दों का लिवास उनको पहना ना पाई
शब्दों का चयन ना कर पाई सिंगार ना किया
यहीं उसने मात खाई |
अपने पर क्रोध आया उसे
कोई रास्ता न सूझा वहीं की वहीं रही
दो कदम आगे तक न बढ़ पाई
यही उसने मात खाई |
आशा सक्सेना
प्रेम को स्वीकार करने के लिए साहस की ज़रुरत होती है ! उम्दा अभिव्यक्ति !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
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