१ -नहीं किसी ने
कविता को समझा
हुई बेकल
२- साझा रहना 
किसी से ना बांटना 
मन दुखता 
३- मंजिल कहाँ 
खोज ना पाई मैं ही
उलझी रही 
४-यादें हैं तेरी 
हैंअनोखा प्रमाण
एक प्यार की
५- मन ना मेरा 
ना हुआ तेरा कभी 
स्वतंत्र रहा
६- छल नहीं है
किसी के ह्रदय में 
यही है सच |
आशा सक्सेना
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अति सुन्दर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ओंकार जी टिप्पणी के लिए |
जवाब देंहटाएंउम्दा अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद बेनामी जी टिप्पणी के लिए |
हटाएंपहले हाइकु की पहली पंक्ति चेक कर लीजिये ! सुन्दर रचना !
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