28 जून, 2023

जीवन के रूप अलग से दिखाई देते

हंसना रोना खिलखिलाना
 है बहाना जिन्दगी जीने का
 यह गुण आए कहाँ से आए
 किसी ने नहीं कबूले 
 यह ज्ञान दिया किसने 
 सब ने कहा हमने नहीं
 पर आसमान से ना आई
 हँसी,खुशी और रंगीन तबियत 
 यहीं की उपज है मित्र बनाना
 अपनी अक्ल की दाद देना
 सारा यश अपने को देना 
फिर सब को उपदेश देना
 | उसने भी कुछ लिया दिया
  धन्यवाद तक ना किया
 मुझे दुःख इसी बात का हुआ
क्या   मैंने की थी बचकानी हरकत | 
 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Your reply here: