हंसना रोना खिलखिलाना
है बहाना जिन्दगी जीने का
यह गुण आए कहाँ से
आए
किसी ने नहीं कबूले
यह ज्ञान दिया किसने
सब ने कहा हमने नहीं
पर आसमान से ना आई
हँसी,खुशी और रंगीन तबियत
यहीं की उपज है मित्र बनाना
अपनी अक्ल की दाद देना
सारा यश
अपने को देना
फिर सब को उपदेश देना
| उसने भी कुछ लिया दिया
धन्यवाद तक ना किया
मुझे दुःख इसी बात का हुआ
क्या मैंने की थी बचकानी हरकत |
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