22 मार्च, 2024

तुम्हारी सालगिरह पर शुभ कामनाएं

 आज मेरे सपनों नें

तुम्हें  देखा सुबह ही

बहुत से विचारों में

 खो गई  तुम्हारे बचपन की यादों में   |

 दिए बिना बचपन की यादें 

तुम कब बड़ी होईं 

समय कब बीता 

 मुझे चिंता सी हो गई

 कल उसको भी बहुत उदास देखा   

और  बहुत दिखी कमजोर सी 

मुझे लगा बहुत खाली  घर

 याद आई तुम्हारी बचपने की   

खाली घर बिना बच्चों के 

कितना खाली तुम्हारे  बिना |

प्रभू से की प्रार्थना दिल पूरे मन से 

 ईश्वर करे तुम्हें  मेरी भी 

 उम्र लग जाए 

हर वर्ष ऐसे ही

 जन्म दिन तुम्हरा मनाएं |

आशा सक्सेना 

1 टिप्पणी:

  1. सुन्दर रचना ! जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई स्मिता को ! बहुत प्यार और स्नेहाशीष !

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