काले कजरारे 
प्यारे बड़े दीखते 
दो नयना मतवारे 
जल भरा नयनों में 
उसकी  रफ्तार 
बहती नदिया सी 
साथ लिए जाती
कई कण जल  
अपने संग |
सभी को पसंद हैं 
येजल भरी  आँखें 
निराला अंदाज लिए 
सभी चाहते उनसा होना |
मुझे भी पसंद
 ये भोली  प्यारी आखे |
आशा सक्सेना 
बेह्रतरीन कविता को पसंद किया धन्यवाद |
जवाब देंहटाएं