सोलह सिंगारों में प्रमुख
मेंहदी के रूप अनूप
हाथों की शोभा होती दुगुनी
जब पूर्ण कुशलता से रचाई जाती
कलात्मक हरी हरी मेंहदी
सावन में मेंहदी से करतीं
महिलायें अपना श्रृंगार
हरियाली तीज मनातीं धूमधाम से
रक्षाबंधन पर बहनों के हाथ
भरे रहते लाल लाल मेंहदी से
हल्दी लगाने के बाद
मेंहदी से सजाये जाते
हाथ दुल्हन के
मेंहदी का रंग जितना गहरा होता
गहन प्यार की गवाही देता
रचाई गयी कलात्मक मेंहदी से
लिखा जाता हथेली पर
प्रियतम का नाम
बहुत समय लगता उसे खोजने में
बहुत प्रसन्नता होती दूल्हे को
देख कर प्रियतमा की हथेली पर
अपना छिपा हुआ नाम
दोनों के हाथों में रहता विश्वास
रहे हाथों में हाथ इसी तरह
कभी न छूटे साथ !
आशा सक्सेना