चाहत है जो कार्य लूं हाथ में  
पूरी निष्ठा से पूर्ण करूँ 
 सारा जीवन अर्पित करूँ 
देश हित के लिए|
हूँ समर्पित पूरी निष्ठा से 
नहीं किसी के बहकावे में 
ना ही अन्धानुकरण कर के 
किया है  वादा खुद से|
लगन ऐसी लगी है अब तो 
जब तक कार्य पूर्ण न होगा 
चैन न लूंगी तब तक|
कर्तव्य पूर्ति  की लालसा 
हुई जागृत जब से 
अपने अधिकार  भूली तब से 
सारी निष्ठा की समर्पित 
देश की उन्नति  के लिए|
जान की भी परवाह नहीं है
जान की भी परवाह नहीं है
सफलता हाथ लगेगी जब 
पूरी लगन से होगा  समर्पण 
 अपने कार्य के लिए  |
आशा
आशा





