त्रेतायुग  में जन्म लिया 
मानव का अवतार लिया 
राजा दशरथ के आँगन में 
माता कौशल्या की गोद में खेले  
केकई माँ ने भर पूर प्यार किया
जब झूले हिंडोले  में  
 खुश हुए किलकारी भरी |
सारा महल राममय हुआ
 घुटने
घुटने चले राम
 बचपन ने
अदाए दिखलाई 
सब का मन मोहा |
ऋषि विश्वामित्र एक दिन आए 
राम को उनने मांग लिया राजा दशरथ से 
कारण जब पूंछा राजा ने,
 गुरुकुल ले
जाने का कारण बहुत सटीक था
 विश्वामित्र ने बताया मुनी को  क्रोध वर्जित होता है   
  साहस था  राम में गजब का 
उनके द्वारा किये  बचाव  से 
शांती से पूजन हुआ  संभव
 यही कारण
हुआ गुरुकुल ले जाने का |
विश्वामित्र के  साथ गए राम लक्ष्मण सीता स्वयंबर में 
कई  राजा रहे नाकाम शिव का पिनाक धनुष उठाने में  
राजा जनक भी हुए उदास यह नाकामयाबी देख 
मुनि का आदेश पा राम ने
धनुष पर प्रत्यंचा चढाई
 सीता ने
वरमाला डाली स्वयम्बर हुआ पूर्ण
चौहदा वर्ष वन में रहे राम,  राजा दशरथ के आदेश पर 
रहे तपस्वी राजा की तरह माता केकई की मांग पर 
फिर से  अयोध्या आए राज्य सम्हाला प्रजावत्सल हुए 
 पांचसो
वर्ष के बाद नजारा कुछऔर हुआ    
कठिन विरोध झेले कार सेवकों ने फिर  
राम लल्ला की प्राण प्रतीष्ठा का दिन आया
भव्य मंदिर बनवाया श्री मोदी और श्री योगी ने |
जनता में अपार श्रद्धा देखी गई 
सारी अयोद्द्या राममय  हो गई 
बचपन में राम कैसे दिखाते थे ,
 दिखाई दिया मूर्ति में 
 मूर्ति  सजीव और आकर्षक है  इतनी कि 
निगाहें ठहर नहीं पाती उस पर | 
आशा सक्सेना