सर्द हवाएं
है धवल चादर
ठिठुरी वादी |
दीदार तेरा
हरता मन मेरा
दीवाना हुआ |
ए मेरी सखी
तू सब भूल गयी
हुई बेगानी |
खिला कमल
झाँक रहा जल में
हो कर मुग्ध |
सुख क्षणिक
आभास नहीं होता
दुखी संसार |
दुःख बसा है
रग रग में तेरे
कैसे सुखी हो |
छटा कोहरा
नन्हीं बूँदें जल की
झरने लगीं |
सुख क्षणिक
आभास नहीं होता
दुखी संसार |
दुःख बसा है
रग रग में तेरे
कैसे सुखी हो |
छटा कोहरा
नन्हीं बूँदें जल की
झरने लगीं |
कुसुम पर
एक बूँद ओस की
रही थिरक |
आशा