30 सितंबर, 2023

हमसफर

जिन्दगी जीने के लिए 

 हम सफर ऐसा हो

जब कोई समस्या आए

उसमें उसे  हल करने की क्षमता हो |

वह सक्षम हो इतना कि

सीधी राह खोज पाए

सलाह हो ऐसी जिसे सरलता से

स्वीकारा जाए

उसमें बिना बात ना उलझन आए

किसी की चाह ना  हो ऎसी

जिसमें उलझनों का डेरा हो

व्यक्ति जिन्दगी जीने के लिए

ऐसा मार्ग अपनाए

जिसमें कोई ना झमेला हो

तभी दौनों का जीवन खुश हाल होगा

कोई और की आवश्यकता  ना होगी

जीवन सरलता से चल पाएगा |

सहज जीवन ऐसा चलेगा

 दौनों को पसंद आएगा

                              सलाह कार भी खोजने पड़ेंगे

                          खाली खोखले बर्तन कभी ना होंगे |

                        आशा सक्सेना 


28 सितंबर, 2023

तुम सा पावन

 

स्वर्ग से सुन्दर तुम सा पावन

मुझे कोई नहीं लगता

मन ने गहराई से खोजा

अपनों पराओं का भेद फिर भी ना किया

मन हुआ उदास जब खोज पूरी ना हुई

मैं किसी की ना हो पाई कोई मेरा ना हुआ

यही कमी रही मन में

सच्चे मित्र को ना पहचाना

भले बुरे का ज्ञान ना हुआ

मन उदास  हुआ  

किसी ने ना अपनाया मुझे

धीरे धीरे ज्ञान हुआ

है मुझ में और दूसरों में भेद क्या

एक खाली खोखला वर्तन

बे नूर जीवन हुआ तुम्हारे बिना

अब कोई आकर्षण नहीं रहा इसमें

अब दुनिया पर से भी

 विश्वास उठ गया है

खुद का भी पता नहीं

आगे क्या होने व़ाला है  

पर आगे पीछे की क्या सोचे

शायद भाग्य में यही रहा |

आशा सक्सेना 

27 सितंबर, 2023

हो जीत या हार मेरी

 

 

हो जीत या हो  हार मेरी

है  क्या मतलब किसी को

किसी को प्रसन्नता नहीं होती

मेरे  हर कार्य के सफल होने पर

सब को प्रसन्नता होती है मेरी हार पर 

जब भी असफल हुई लोगों ने

जश्न मनाया मिठाई खाई बड़ी से |

25 सितंबर, 2023

मेरीबिटिया

नील गगन में उड़ती सी एक नन्हीं परी 

अनुपम रूप लिए उड़ती फिरती बेटी मेरी 

सरल स्वभाव  की धनी मीठी बोली बोलती 

दो कुलों को निभाती सभी को प्यारी लगती 

जब कहीं जाती सब का मन हर लेती 

सब की सुन्दर रूप हो मोहिनी

तुमसा कोई नहीं मेरी बिटिया 

अनुपम सा रूप लिए उड़ती 

सब का मन मोह लेती 

आगे बढ़ने का मन बनाती 

कुछ नया करने की चाह रखती 

दृढ़ता से कदम बढाती 

हार का मुंह ना देखतीं 

मुझे गर्व है अपनी बेटी पर 

किया मेरा सर उन्नत अपने कार्यों से 

मन फूला नहीं समाता 

यही अरमां मेरा सफल मेरा करती   

आशा सक्सेना  


 

23 सितंबर, 2023

वह स्वतंत्र रूप से रहने वाली

 

वह  स्वतंत्र रूप से रहने वाली

जिसने भी दिया दखल बीच में

है वह  पलट वार करने वाली  |

कभी नहीं सोचा उसने

 भविष्य के बारे में

जिसने भी सलाह दी उसे

 मूर्ख ही  समझा उसको 

मन संताप से भरा उसका |

वह  दख़लअंदाज़ी सह ना पाई

उसने उससे किनारा किया

मन से दूर रखा उसको

कभी फिर पास आने ना दिया |

कोई कुछ कहे सुने या बीते कल को दोहराए यह आजादी ना दी उसने कभी 

तभी समाज में स्थान बना पाई

अपनी स्वतंत्रता को तर्क कुतर्क से रखा दूर |

मन का संतुलन बनाए रखा

किसी को नहीं दिखाया  अपनी परेशानी को

कोई अंदाज भी ना कर पाया

उसकी समस्या क्या है |

उसने एक ही सिद्धांत अपनाया

 अपनी समस्या का उसे ही हल निकालना है

कोई अन्य की सहायता नहीं स्वीकार उसे

कोई सहायता तो करता नहीं

पर व्यवधान डालने में अधिक आनंद लेता |

आशा सक्सेना 

 

 

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सुख दुःख

 सुख दुःख सब याद करते

पर दुःख से कम कोई नहीं

जितना उसे याद करते

उसे भूल नहीं पाते

सभी जानना चाहते कारण उदासी का

कहते गम खाओ किसी से पंगा ना लो

समझोता करना भी सीखो

खुशियों से हाथ मिलाओ

पर तुम इनसे समझोता ना कर पाते

मन ही मन असंतुष्ट रहते

कोशिश भी करते पर

 असफलता ही हाथ लगती

अपना प्रारब्ध मान इसे

गहरी उदासी में खो जाते

तभी मन की आवाज सुनते

फिर से कोशिशों में जुटते

मन कहता कभी उसकी भी सुनो

फिरसे प्रयत्नों में जुट जाते

और सफलता पाते

कभी हारने को तैयार  नहीं होते  

यही सीखा है समाज से आगे बढ़ो

हार को नकार दो

 समय का सदुपयोग करो 

उपहार में जीत को पल्ले से बाधो

आगे बढ़ने की ठानो 

सही राह पर चलकर

सलाह को सत्कार करो |

22 सितंबर, 2023

हाइकु

१- दीप जलाए 

भजन गाते रहे 

लक्ष्मी पूजन 

२- है दीपावली 

घर स्वच्छ किया है 

दीप जलाए 

३-किसी ने कहा 

तुम कब आओगे 

दीबाली बीती 

४-तुम ना आए 

राह देखी तुम्हारी 

त्यौहार बीता 

५-जले दीपक 

लक्ष्मीं आ गई है 

आज के दिन 

६-खुशिया लाई 

दीपावली की रात 

वाग मती ने 


आशा सक्सेना