20 नवंबर, 2023

दूसरेकी थाली में मीठा ही मीठा

वह  प्यार का भूखा  नहीं है 

स्नेह उसे भर पूर मिला है 

फिर भी है अभाव उसके जीवन में 

यह किसी से नहीं छिपा है |

कभी दिल खोल कर हंसता नहीं 

ना ही कोई मित्र उसका 

जिससे मन की बात सांझा कर पाए

अपने  मन को हल्का कर पाए ||

वह तलाशता रहता अपने हम कदम को 

ऐसा  लगता जैसे वह हो भूखा केवल स्नेह का 

 किसी की माँको अपना समझ 

सारा प्रेम न्योछावर करता 

पर कभी नहीं सोचता

वह  उसके बारे में क्या विचार करती |

कभी वह  शिकायत भी करता कि 

माँ का प्यार बट गया है 

वह  पूरा प्यार नहीं करती उसको 

यही  सोच मन में उदासी आई उसके 

उसे कौन समझाएदूसरों की थाली में

 मीठा  ही मीठा नजर आता है उसे 

 दूसरों से तुलना  करना ठीक नहीं 

आशा सक्सेना 

19 नवंबर, 2023

यादों का जखीरा

 

 


जहां देखा यादें बिखरी हैं

कितनी समेटी जाएं

दिमाग मैं अब जगह नहीं है

किससे करू शिकायत |

मन कहता है

 बीते कल में क्या जीना

वर्तमान में व्यस्त जीवन 

यादों को कहाँ ठहराऊं |

यदि भविष्य के लिए सहेजूँ 

मन पर भार अनुभव करू

किसी कार्य में मन ना लगे 

भविष्य को कैसे सम्हालूं |

जीवन में शान्ति लाने के लिए 

यादों में नहीं जिया जा सकता 

यदि कार्यों का जमाव हो जाएगा 

उनके पास ठहरने से 

आगे की राह कठिन होगी 

मन में असंतोष होगा |

आशा सक्सेना 

हाइकु

१- कविता संग 

है  शब्दों की तरंग 

मधुर गान 

२-अभिव्यक्ति है 

स्पष्ट और सटीक 

अच्छा लगा 

३-लेखन हुआ 

भाषा विज्ञान  सा ही 

सार्थक ठीक 

४-कलम कार 

किसी से कम नहीं 

मन को छूता 

५-क्या लेखन है 

पठन पाठन का 

विस्तार हुआ 

आशा सक्सेना 

18 नवंबर, 2023

जीवन का गीत

 


गीत के लिए मन का

मीठा होना है आवश्यक  

यह मिठास जब आएगी

 मन में चैन आएगा |

खुशहाली होगी हर ओर

हरियाली लेगी मन मोह

मन की  मिठास पैदा होगी

तभी  वाणी  मीठी होगी|

यह है सोच का प्रताप

बुद्धि का  परिष्कार

जिसने जैसा सोचा

उसकी  बोली  हुई वैसी  |

यही मिठास उसे 

सब के पास ले जाएगी 

सामाजिक बनाएगी

 वह  मधुर गीत गाएगी 

जीवन सफल होगा उसका |

आशा सक्सेना 

16 नवंबर, 2023

गीत गाने के लिए


गीत गाने के लिए

गुनगुनाने के लिए

kujकुछ तो अवसर चाहिए

जो हों  आवश्यक इस अवसर पर |

समय समय पर गाए जाने वाले गीतों का

अपना ही आनंन्द है

 अबसर यदि सही हो

मजा कुछ और ही  होता है |

गाना चुनना और धुन बनाना

नहीं है इतना कठिन

पर इसके लिए

 शिद्दत होती जरूरी |

यदि सही धुन चुनी जाए

तन्मय हो कर गाया जाए

नृत्य हो साथमें

कुझऔरहींहोताहै

15 नवंबर, 2023

हाइकु (बरसात )

  


मेरी दुविधा

 


आज बड़ी उलझन में हूँ

मैंने  सोचा था

सारे कार्य पूर्ण कर लिए हैं

जिम्मेदारियां सारी संपन्न हुई है   |

शायद यह मेरी भूल रही

एक पुस्तक में पढ़ा था

जब बच्चे बड़े हो जाएं

उन पर सोंपी जाए जुम्मेदारियाँ

यदि वे सक्षम और समर्थ हों

उन की मदद ली जाए

पर यहीं मै गलत थी |

यदि खड़े खड़े आते

 सब को अच्छे लगते

मेंहमान की तरह स्वागत होता |

पर आज के युग में हमें

गैर की तरह समझा जाता है

कोई प्यार नहीं किसी से  

नाही मोह माया यहाँ

भूल से भी सोचा नहीं कि 

हम भी कुछ लगते हैं |

आशा