आज जानी सच्चाई जिन्दगी तेरी
सुख में सभी साथ थे
अब कोई नहीं
स्वस्थ थी तब घर सारा
मेरा हुआ करता था
गिले शिकवे न थे
ना शिकायतों का
अम्बार रहा करता था
आज स्पष्ट हर बात
दर्पण में दिखाई दे रही
अधिकार जीने का
अधिकार जीने का
अक्षम को नहीं
जीवन जीना सरल नहीं
दुनिया है झूठे स्वप्नों की
सत्य बहुत कटु होता है
जीवन में प्यार नहीं
केवल समझोता होता है
है मतलब की सारी दुनिया
काम होता सब को प्यारा
अक्षम नहीं किसी काम का
है मतलब की सारी दुनिया
काम होता सब को प्यारा
अक्षम नहीं किसी काम का
सच्चाई समक्ष है आज
लम्बी बीमारी सहन न होती
आईने में अक्स दिखाती
दो चार दिन सब सहते
फिर किनारा करने लगते
आइना सच ही कहता
अपना ही बिम्ब
पहचाना न जाता
अक्षमता का बोध कराता |
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