15 जुलाई, 2021

सात रंगों में सिमिटी सृष्टि



                                     सात रंगों  में सिमटी सृष्टि 

आज प्रातः काल व्योम  में देखा

एक आकर्षक  सतरंगा इंद्र धनुष 

था इतना बड़ा कि छूने लगा

सड़क  के दोनो किनारों  को |

पर प्रमुख रंग दीखे पांच ही

सोचा दो रंग कहाँ खो गए

यह धनुष कहलाता सतरंगा है

 पर छिपना उन दो रगों की आदत है  |

उनकी लुका छिपी देख मन हुआ  प्रफुल्लित    

काफी देर तक वह  नीलाम्बर  में  दिखाई दिया

फिर लुप्त हो कर रह गया पर आँखों में सजीब हुआ      

अपनी छवि यादों में छोड़ गया |

ये सात रंग हैं सृष्टि की अनमोल धरोहर 

हर जगह दिखाई देते दुनिया रंगीन बनाते 

जहां भी आकर्षण  दीखता 

इनकी ही उपलब्धि  होता |

आशा 

 

17 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात
    आभार मीना जी मेरी रचना की सूचना के लिए |

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  2. सुप्रभात
    धन्यवाद विन्भारती जी टिप्पणी के लिए

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  3. ये सात रंग हैं सृष्टि की अनमोल धरोहर

    हर जगह दिखाई देते दुनिया रंगीन बनाते

    जहां भी आकर्षण दीखता

    इनकी ही उपलब्धि होता |..... बहुत सुंदर!!!

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  4. बहुत खूबसूरत इंद्रधनुषीय रचना ।

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  5. सुप्रभात
    धन्यवाद अनुराधा जी टिप्पणी के लिए |

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  6. सुप्रभात
    धन्यवाद ज्योति जी टिप्पणी के लिए |

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  7. आपने सही कहा रंगों के कारण ही दुनिया इतनी खूबसूरत दिखती है। सुंदर रचना।

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  8. सुप्रभात
    धन्यवाद विकास जी टिप्पणी के लिए |

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  9. वाह ! इंद्र धनुष सी ही रंगीन रचना ! बहुत सुन्दर !

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  10. सुप्रभात
    धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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