कलम मेरी सीधी साधी 
करती है प्यार मुझे 
जब भी क्रोध आता है मुझको  
प्यार से शांत करती है मुझे |
यदि कोई  विश्वासघात करे  मुझसे 
पहले ही करती सतर्क मुझे 
मेरा कहना नहीं जब मानते 
तब अग्नि वर्षा करती है  |
इसी लिए  है बहुत प्यारी न्यारी 
अपनत्व लिए हुएहै  वह 
सच्ची मित्रता निभाती है 
कभी धोखे में नहीं रखती |
आशा
वही कलम सार्थक है जो लेखक के मनोभावों को समुचित रूप से प्रकट करे । सुंदर रचना ।
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