03 नवंबर, 2023

कोई नया नहीं

                                                                        


  यह  कैसी जिन्दगी

कुछ  नया नहीं 

 फैला  -चारो ओर  अन्धेरा 

जीवन में खुशी नहीं |

 फैला हुआ दुखी जीवन  

 उजड़ा हुआ सारा  जीवन

 किसी  काम का नहीं 

खुशहाल छोटा सा जीवन हो 

इसी  की राह देखती है |

सपने सजाती है इसके 

कठिनाई  से रहती है दूर्  

प्यार  के  बहुत नजदीक 

प्यार पशु पक्षियों  से करती |

अपने  बच्चों को भी यही सिखाती 

प्यार प्रेम को गले लगाओ 

दुनिया में सफल होजाओ 

सब के प्रिय होते जाओ |

आशा सक्सेना 


4 टिप्‍पणियां:

Your reply here: