27 दिसंबर, 2023

हाइकु (बरसात )

 

1  -हैं सुनहरी 

शाम की रंगीनियाँ

सूरज ढला 

२-हरी पत्तियाँ

वृक्षों पर सोहतीं

मुरझा गईं

३-है हरा भरा 

बगिया का आलम

माली है  खुश 

४-सावन आया

झरझर बरसा

टपका जल

५-बरसा जल

ओले बरस रहे

हवा के साथ  

६- ओले पड़ते 

धीमें धीमें बाहर 

थाली में रखे 

७-ओले का पानी 

उपयोगी दवा  है 

अपने लिए |

आशा सक्सेना 

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