विरही मन
देख काली घटाएं 
हुआ बेकल 
अश्रुओं की वर्षा करता 
जल प्लावन का
सन्देश दे रहा
सन्देश दे रहा
मेघ अषाढ़ का 
वाहक संदेशों का 
उमढ़ घुमड़ आया 
बरखा रानी ने दी दस्तक 
पाती प्रिय की  लाया |
झोंका पवन का 
झझकोरता मन 
मिट्टी की सौंधी सुगंध 
दूर तक ले जाता 
समूचा हिला जाता |
मेघ गरजता 
रिमझिम 
बरसता 
गर्म मिजाज मौसम भी 
नर्म हुआ जाता |
आशा