हूँ एक प्रवासी पक्षी
समूह से बिछुड़ा हुआ
दूर देश से आया हूँ
पर्यटन के लिए |
बदले मौसम के कारण
राह भटका हूँ
समूह से बिछड़ गया हूँ
पर अब तक नहीं हारा हूँ |
नसीहत ली है मैंने जरूर
जब कहीं बाहर जाना हो
अपने समूह का साथ
कभी न छोड़ना चाहिए |
चाहे मन न मिले सब से
सामंजस्य आपस में करना सीखो
नहीं तो राह भटक जाओगे
जिद्द से परेशानी में उलझ जाओगे |
नया कोई न आएगा
तुम्हे राह दिखाने
यह सभी समझ जाएंगे
क्यूँ तुम सब से बिछड़े हो |
आशा