जब भी तुम्हारी बातें चलती
मन में उदासी छाती  
बहुत रिक्तता जीवन में भरती 
मुझे लगता मैंने तुम्हें खो दिया है |
यह है दुनिया की रीत
यही समझाया है सबने सब साथ हैं 
मैं अकेली कैसे जब तुम्हारा प्यार साथ है
 मुझे भय कैसा आखें भर भर आती हैं |
मुझे सहारा मिलता है तुम्हारी यादों का 
ज़रा सा ध्यान बिचलित होते ही 
खो जाती हूँ बीती  यादों मैं 
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आशा सक्सेना                  

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