02 सितंबर, 2011

कई सौपान


है जीवन का नाम

एक एक सौपान चढना

साथ किसी का मिलते ही

बढ़ने की गति द्रुत होना |

इस दुनिया में आते ही

ममता मई गोद मिलती

माँ के प्यार की दुलार की

अनमोल निधि मिलती |

आते ही किशोरावस्था

कोइ होता आदर्श उसका

अनुकरण कर जिसका

अपना मार्ग प्रशस्त करता |

होती कठिनाई तरुणाई में

फंसता जाता दुनियादारी में

कोल्हू के बैल सा जुता रहता

खुद को स्थापित करने मैं |

यदि भूले से पैर फिसलता

गर्त में गिरता जाता

फिर सम्हल नहीं पाता

फँस कर रह जाता मकड़जाल में |

जीवन के अंतिम सौपान पर

जैसे ही कदम रखता

भूलें जो उससे हुईं

प्रायश्चित उनका करता |

फिर दिया जलाता वर्तिका बढाता

जब स्नेह समाप्त होता

हवा के झोके से लौ तेज होती

फिर भभक कर बुझ जाती |

फिर न कोइ सौपान होता

ऊपर जाने के लिए

उसके जीवन की कहानी

बस यूँ ही समाप्त होती |

आशा

20 टिप्‍पणियां:

  1. 'बड़े भाग मानुष तन पावा'
    कहते हैं यदि इस शरीर में रहकर ही
    सत्संग,प्रभु स्मरण और भक्ति का सहारा मिल
    जाये तो जीवन सफल हो जाता है.
    मृत्यु तो गहरी नींद ही है,
    फिर चिंता की क्या बात है.

    आपकी सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत आभार.

    मेरे ब्लॉग पर आपका आना अच्छा लगता है.
    कृपया, आती रहिएगा आप.
    भक्ति-शिवलिंग पर अपने सुविचार प्रस्तुत कर अनुग्रहित
    कीजियेगा मुझे.

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  2. जीवन के अंतिम सौपान पर

    जैसे ही कदम रखता

    भूलें जो उससे हुईं

    प्रायश्चित उनका करता |


    बहुत ही बढ़िया।

    सादर

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  3. sampoorn jeevan ko dhaal diya aapne is rachna me.behtreen rachna.aapko badhaai.

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  4. बहुत सुन्दर ...यही है ज़िन्दगी की सच्चाई।

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  5. जीवन को कविताओं में उंड़ेल रही हैं आप

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  6. पूरी ज़िंदगी का खाका खींच दिया है ... सुन्दर प्रस्तुति

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  7. जिन्दगी को शब्दों में उतार दिया आपने...

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  8. ये चक्र बड़ा भयावह हैं. अभिमन्यु से लेकर आप हम तक वही कहानी. और यही तो चेलेंज हैं. कोशिश करनी होगी.

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  9. देर से आने के लिए क्षमाप्रार्थी हूँ ! लेकिन आज तो आपने कमाल ही कर दिया ! चंद पंक्तियों में जीवन की सम्पूर्ण यात्रा की झलक दिखला दी ! बहुत ही सुन्दर और सारगर्भित रचना ! बहुत बहुत बधाई एवं अभिनन्दन !

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  10. जीवन की हरेक अवस्था को कविता के शब्दों में सुन्दरता से पिरो दिया,आपने.

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  11. जीवन यात्रा का सुन्दर वर्णन किया है आपने

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  12. आपके इस सुन्दर प्रविष्टि की चर्चा दिनांक 05-09-2011 को सोमवासरीय चर्चा मंच पर भी होगी। सूचनार्थ

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  13. जीवन के विविध सोपानों का सुंदर काव्यात्मक चित्रण।

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  14. बहुत सुंदर प्रस्तुति,
    इस दुनिया में आते ही

    ममता मई गोद मिलती

    माँ के प्यार की दुलार की

    अनमोल निधि मिलती |

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