![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhuS9vbKY4L5rm3ZlxjLDe-m8miTbiz7zVnsSv51nO570M12KQevGm2KwbdsiQgMs3Fc9bmXRFunF4ibdjCpUjPYAqhBz2LiIuZZaCJ9f6Hvi8dOpM1V75C7HcsIRwhj3LA_L75SQTdWdM/s400/dream-girl.jpeg)
उन्मीलित अँखियाँ
मन मोहिनी अदाएं
बारम्बार आकृष्ट करतीं
दूरी उनसे न हो पाती |
जब भी छिटकना चाहता
उससे दूरी बढ़ाना चाहता
दुगने वेग से धक्का लगता
सजदे में सर झुकाने लगता |
है कशिश ऐसी उसमें
जो राहें बाधित करती
चितवन हिरनी जैसी
चाहत को अंजाम देती |
निमिष मात्र यदि हो ओझल
मैं खोया खोया रहता हूँ
उनपचास पवन बहने लगते हैं
खुद को भूल जाता हूँ |
आशा