27 नवंबर, 2019

उज्जैनी








कालीदास कृति मेघदूतम में वर्णित
श्रीकृष्ण सुदामा  की अध्ययन स्थली
शहर  है बहुत छोटा सा पर प्राचीन
 लगता बड़ा सुरम्य |
 बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक
होता हर कार्य सफल यहाँ
मन को अपार शान्ति मिलती
महाकाल की  आराधना  से |
है महाकाल  का महत्व बड़ा
बारह वर्षों बाद  होता सिहस्थ  यहाँ
 है हरसिद्धि शक्तिपीठ भी  
 देवी के बावन शक्तिपीठों में से एक |
हैं यहाँ मंदिर ही  मंदिर
तभी कहलाता उज्जैन  शहर मंदिरों का
सारा दिन कब  कट जाए घूमते  घूमते
समय का पता ही नहीं चलता |
क्षिप्रा नदी की सांध्य आरती होती
भव्य , दर्शनीय और  मनमोहक
 चाहती हूँ  शाम  के इन पलों को
अपने ह्रदय में बसालूँ |
है  तो शहर बहुत छोटा सा
 पर लोग हैं मिलनसार  यहाँ
महमान नवाजी दिल से करते
                                     अपनत्व झलकता यहाँ |
                                              आशा

25 नवंबर, 2019

दोराहा


 जिन्दगी में उलेझनें अनेक  
कैसे उनसे छुटकारा पाऊँ
दोराहे पर खड़ा हूँ
किस राह को अपनाऊँ |
न जाने क्यूं सोच में पड़ा हूँ
कहीं गलत राह पकड़ कर
दलदल में न फँस जाऊं
उस में ही धसत़ा जाऊं |
एक कदम गलत उठाया यदि
बहुत अनर्थ हो जाएगा
जो कुछ भी अर्जित किया
सभी व्यर्थ हो जाएगा |
सारी महनत व्यर्थ  होगी
कुछ भी हाथ न आएगा
जितने भी यत्न किये अब तक
मिट्टी मैं मिल जाएंगे |
पर दुविधा में हूँ
 इधर जाऊं या उधर जाऊं
कोई भी पास नहीं है
जो मार्ग प्रशस्त करे |
जिधर देखो उधर ही 
कोई हमदम नहीं मिला 
उलझानें कैसे सुलझाऊं  
उन से छुटकारा पाऊँ |
आशा