
हैं बृहद दायरे यादों के
यह कम ही जान पाते
सब चलते उसी पगडंडी पर
ठिठक जाते चलते चलते
मार्ग में ही अटक जाते हैं
कदम बढ़ने नहीं देते
अधिकाँश लौट जाते हैं
कुछ ही बढ़ पाते हैं
आगे जाने की चाहत में
जाने कब चल देते हैं
व्यवधानों से बचते बचाते
उसी वीथिका पर
दृढ़ता और आस्था
यादों के चौराहों को
चिन्हित कर देतीं
वे सही दिशा जान कर
वहीं पहुँच जाते हैं
कण कण में बिखरी यादें
सहेजते अपने नेत्रों से
सजोते अपने दिल में
और खो जाते
अपनी यादों की दुनिया में
जब भी उदास होते
ठहर भी जाते
कुछ पल के लिए
किसी चिन्हित चौराहे पर
उस याद को
ताजा करने के लिए
कहीं गहराई में
उसे छिपा कर
सजा कर रखने के लिए
हैं वे बड़भागी कामयाब
सफल अपने उद्देश्य में |
आशा