30 मार्च, 2023

मन ने मुझे धोखा दिया




                                                         मेरे  मन ने भी मुझे धोखा दिया 

मेरे साथ ना चल पाया 

अलग उसने राह पकड़ी 

मुझे बताया तक नहीं |

है क्या  मन में

 जब मेरे कदम सही ना पड़े

मै उलझ  कर गिरी

 ऊबड़ खाबड़ मार्ग पर |

क्या वह  मुझे सचेत 

 नहीं कर  सकता था 

मैंने तो सोचा था 

अपने मन की करो |

 तभी सही राह चुन पाएगे 

मुझे बहुत  उत्साह से  

आगे बढ़ने में ख़ुशी मिली 

पर मन ने ना साथ दिया मेरा

 |मेंरी  कमज़ोरी का लाभ उठाया |

मन ने जब धोखा   दिया 

उसे भी संताप हुआ 

अपने मन से वादा किया |

भूले से भी उस राह पर जाना नहीं 

जिस पर धोखा पल रहा  हो  

|क्या मालूम जब  उसे यहीं रहना हो 

फिर उलझन को क्यों न्यौता  जाए |

आशा सक्सेना 



29 मार्च, 2023

मुझे तुमसे कुछ ना चाहिए

                                                                      मुझे  तुमसे कुछ ना चाहिए 

                                                                     तुम्हारे प्यार के सिवाय 

जीवन बहुत सीधा साधा 

जीवन की रंगीनिया नहीं |

सीधा साधा है यह तो |

मुझे सादगी से लगाव है 

सरलता ने  मन ने मोह लिया है 

सच्चाई,सरलता ,सादगी 

और आकर्षण का 

 तुमने अनुसरण किया है |

 यही गुण ने तुम्हें बनाया विशिष्ट 

                                                         और  सादगी जीवन में तुम्हारे 

मन मोह कर ले चली

मुझे हो गया प्यार तुमसे |

कितनी भी दूरी हो तुमसे 

मैं भूल नहीं सकता तुम को 

जान चुका  हूँ अब मैं

बिना मिले  तुमसे रह नहीं सकता |

आशा सक्सेना

सामान्य सी लड़की

 


मेरी सामान्य सी जिन्दगी

जब देखी पास  से

दिखी बिखरी हुई दूर से

मन पास जाने का ना हुआ |

पहुँचते गए फिर भी वहीं

किसी ने रोका नहीं

नही यह पूछा 

यहाँ किस लिये आए किससे मिलने  |

पर जबाब ना था पास मेरे

उसने मुंह नीचा किया ना दिया उत्तर 

देखी सामान्य सी लड़की पर मनोबल था ग़जब का 

बैठी चटाई पर कुछ काम कर रही थी |

उसने पूछा किससे  मिलना है

यहाँ आए कैसे क्यों  किस लिए

पहले झिझक हुई जवाब देने मैं

फिर कुछ सोचा और कहा तुमसे |

है मेरे पास क्या  हूँ सामान्य सी लड़की

मैंने बाहरी दुनिया तक न देखी

तुम्हें कहाँ ले जाती किस से मिलवाती 

यह छोटा सा घर है, यही दुनिया है मेरी |

दीन दुनियाँ से है मोह नहीं  

है मेरा जीवन जंजीर से बंधा

बन्धक नहीं  हूँ यहाँ पर , अपनी मन मर्ज़ी की करती हूँ 

मैं तुम्हारी नहीं हूँ, सामान्य जीवन जी रही  हूँ |

हाँ जीवन में बड़ी भूल की है मैंने

 किसी का कहना नहीं माना है  ,

अपना दिल तुम्हें दिया है यहीं रहने के लिए

  तुम्हारे इशारे पर चलने के लिए |

तुम  सोचों मैं कहाँ रहूँ,किसके पास रहूँ

तुम्हारे पास भी मेरे लिए कोई जगह नहीं

मेरा भी हक़ है  तुम्हारे साथ रहने के लिए 

सामान्य जिन्दगी जीने का हक़ है मुझे भी |

तुम किस लिए दखल देते हो ,मेरी जिन्दगी मैं

हूँ सामान्य सी लड़की अपने अधिकारों का ज्ञान है मुझे

मेरे  अधिकारों को छीन न पाओगे चाहे जितना पछताओगे 

चाहे कितनी भी कोशिश कर लो मेरा वजूद मिटा न पाओगे|आशा सक्सेना 

27 मार्च, 2023

हाइकू (हाइकू)

 

 

१-तोड़ा है दिल

मस्तिष्क पर जोर

यह क्या है

२-कभी सोचा है

कौन तुम्हारा हुआ

जान ना  पाए

३- हम अकेले

किससे कहें व्यथा

सोचते रहे

४-चंचल मन

विचलित हुआ है

स्थिर ना रहा 

५-फितरत है

स्थाईत्व नहीं रहा

कहाँ जाना है

६-कैसी जिन्दगी

तिमिर  चारों ओर 

कैसे हुआ  है  

आशा सक्सेना 


26 मार्च, 2023

कान्हां तुम्हारी बांसुरी

 

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                                                                कान्हां तुमारी  बांसुरी से 

बहुत  ईर्षा होती है मुझे

रहती है  तुम्हारे पास सदा 

कभी अलग नहीं होती  |

तुम्हारे अधरों  को स्पर्श कर

वह जो सुख लेती है 

 मुझे नहीं मिलता

 मुझे सौतन सी लगती है |

 एक बात पूंछूं तुमसे 

उसने अधिकार जमाया तुम पर कैसे  

 कौन अधिक प्रिय है तुम्हें

मैं या बांसुरी या और कोई |

अपने मन की बात क्यों छिपाई   मुझसे

है यह कहाँ का न्याय

मुझ में क्या कमी है  

जो तुमने बिसराया मुझे |

तुम्हें वे सब अच्छे लगते हैं

जो मुझे तुमसे दूर करते हैं

जब जंगल में धैनूं चराते

ग्वाल बाल के संग

मेरी याद कभी ना करते

 क्या मैं उन सब से बुरी हूँ

मैंने कभी ना की शिकायत

 तुम्हारी माँ यशोदा से

शायद यही भूल की मैंने

 कोई बात ना बताई उनको  

यदि मुझसे दूर रहोगे

 मेरे मन को संतप्त करोगे

मेरे बिन तुम अधूरे रह जाओगे

पहले मेरा ही नाम लिया जाता है

मुंह से निकलता है राधे  श्याम |

मुझे क्रोध ना दिलाओ

अपने से दूर ना करो 

यही कामना है मेरी