(१)
है चन्दा या सूरज यह तो पता नहीं
पर जल से है यारी इस में शक नहीं |
(२)
रात कितनी भी स्याह क्यूं न हो
चाँद की उजास कम नहीं होती
प्यार कितना भी कम से कमतर हो
उसकी उन्सियत कम नहीं होती |
(3)
महकता मोगरा
महकता उपवन
बालों में यूं सजता
झूमता योवन |
(४)
खेतों में आई बहार
पौधों ने किया नव श्रृंगार
रंगों की देखी विविधता
उसने मन मेरा जीता
आशा
(3)
महकता मोगरा
महकता उपवन
बालों में यूं सजता
झूमता योवन |
(४)
खेतों में आई बहार
पौधों ने किया नव श्रृंगार
रंगों की देखी विविधता
उसने मन मेरा जीता
आशा