05 अक्तूबर, 2018

सर्वोच्च राष्ट्रधर्म


सर्वोच्च राष्ट्र धर्म -
धर्म पर सियासत करना
शर्म की बात नहीं है तो और क्या
धर्म एक भावना है जो व्यक्तिगत
इस पर बार बार बहस बिना बात
क्या शोभा देती है ?शर्म आती है
जब भी चुनाव आते हैं
 कछुए की गर्दन
बाहर निकल आती है |
खूनखराबा आए दिन का
 होता अशोभनीय
सौहाद्र और भाई चारा कहीं खो जाता
मरने मारने पर इंसान उतर आता
सोच कहीं गुम हो जाता
जहां रहते हैं वही हमारा धर्म |
यहीं मात खा जाते हैं
भूल जाते है राष्ट्र धर्महै सर्वोपरी
और हमारा है सच्चा धर्म |
आशा

03 अक्तूबर, 2018

हौसला





हर कोशिश बेकार हो गई
फिर भी हिम्मत ना हारी 
हौसला बुलंद रखने वाले
 कर सकते हैं सब कुछ
सुना था किसी के मुँँह से !
हौसला फिर बनाया मन में
प्रारम्भ किया वही कार्य
जैसे चींटी चढ़ सकती पहाड़ पर
यदि मन में हो आत्म विश्वास
हौसला हो गया बुलंद
कार्य करने की लगन लिए  
उसे पूर्ण करके ही रहूँँगी
हौसला अकेला नहीं होता
होते है साथ उसके आत्मविश्वास
दृढ़ संकल्प और लगन
सफलता कदम चूमेगी
जब फल की प्राप्ति होगी |


आशा