नन्हें मुन्ने ज़रा सोच कर देखो
यह है दुकान मन चाहता
हर वस्तु हो मेरे पास
किसी से सांझा नहीं करू|
हो आवश्यक या हो ना हो
चाहिए या नहीं ,पर लेना है
जिससे मन को शांति हो
जिद्द तो पूरी हो
,मन में ना रहे यह वस्तु हमारे पास नहीं
हमें तो यही चाहिए |
जब तक ना मिले
रोना गाना चलता रहे
पर हर चीज तो मिलने से रही |
अपनी आदतों में सुधार करो
अभी से है यह हाल
तो आगे ना जाने क्या होगा
यही हाल तुम्हें समाज से दूर करेगा|
| जिसने तुम्हें नहीं समझा
वह तुमसे ना मित्रता रखेगा
तुम अपनी जिद्द के आगे
किसी को नहीं समझोगे
जीवन में सफल नहीं रहोगे
कभी खुशी ना पाओगे |
आशा सक्सेना
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