25 जनवरी, 2017

तिरंगा हमारा


तिरंगा हमारा देख कर
हुआ उन्नत भाल
मन ही मन उत्फुल्ल हुआ
नहीं जिसकी मिसाल |
तिरंगे की छाँव तले
देश ने एक स्वप्न सजाया
जिस को पूर्ण करने के लिए
कर्मठता का दामन थामा|
यही उसे आगे बढ़ाती
देश को अग्रणी बनाती
अपनी ऊर्जा से देश को
नया रूप देना चाहती |
तिरंगे के तीन रंग
अपने आप में पूर्ण
भगुआ रंग जोश भरता
सारे कार्य सफल करता |
श्वेत रंग शान्ति का द्योतक 
समृद्धि का हरा रंग परिचायक
चक्र बताता विविधता में एकता
देख देख मन न भरता |
भारत माता की जय बोलता
बार बार दोहराता
कर्मठता की राह पर चलता
खुद को धन्य समझता |
आशा



23 जनवरी, 2017

नाराजगी


न जाने क्यों
आज सुबह से है
नाराज बिटिया
मना मना कर
थक गई हूँ
पर कर रही मुझे
नजर अंदाज गुड़िया
अरे जरासा मुस्कुरा दोगी
तो क्या होगा
दुर्बल तो न हो जाओगी
मेरा खून अवश्य
बढ़ जाएगा
तुम्हारी मुस्कान देख
भगा दो यह क्रोध
अपनी निगाहों से
बचपन में यह
अच्छा नहीं लगता
प्यार से अपनी बाहें
मेरे गले में डालो
मैं निहाल हो जाऊंगी
तुम पर वारी जाऊंगी |
आशा