14 फ़रवरी, 2015

खिले सुमन

मन के गीत 
विभावरी की गोद 
स्वप्न सजाते |

खिले सुमन 
चहुदिश बिखरे
 मदिर गंध |

कितना सहे 
क्यूं सहे यह पीड़ा 
अवला नारी|
जन्म उसका 
है ईश्वर का तोफ़ा
ना कोई पाप |

आशा





























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13 फ़रवरी, 2015

हाईकू



दात्री ऊर्जा की
किरण आदित्य की
जीवंत जग |

स्त्रोत ऊर्जा का
अक्षय ही रहता
सृष्टि चलाता |

सूरज चन्दा
बंधे एक डोर से
नियामक की |

बंधन बड़ा
हर कण कण में
सूर्य ऊर्जा से |
आशा

11 फ़रवरी, 2015

अग्नि





आहुति देती
दीपशिखा अपनी
मार्ग दिखाती !
अनोखी गल्प
जंगल में आग सी
फैलती गयी !
जंग की आग
विनाश की कगार
है अभिशाप !
सूर्य का तेज
अग्निपुंज प्रखर 
होता विशिष्ट !
आशा