कल जब सुबह होगी
एक वर्ष बाद आँखें खुलेंगी
रात भर में ही
पूरा वर्ष बीत जायेगा
क्योंकि इस वर्ष सोओगे
और कल होगा अगला वर्ष
जब मंद-मंद मुस्कान लिए
उदित होते सूरज की
प्रथम किरण निहारोगे
अरुणिमा से आच्छादित आकाश
और मखमली धूप का अहसास
सब कुछ नया-नया होगा
क्योंकि नये वर्ष का स्वागत करोगे
संजोये स्वप्नों की उड़ानें
जो पूर्ण नहीं हो पाईं पहले
साकार उन्हें करने के लिए
खुद से कई वादे करोगे
आज रात नाचो गाओ
नव वर्ष के स्वागतार्थ
मन में होते स्पंदन का
खुल कर इज़हार करो
वैसे भी तुम्हें था कब से इन्तजार
आज की रात का
कल के प्रभात का ,
और नए सन् के प्रारम्भ का
नाचो गाओ खुशियाँ बाँटो
बीते कल को अलविदा कहो
आने वाले नये दिन का
दिल खोल स्वागत करो |
आशा