जब भी देखा उसने
हसरत भरी निगाहों से
मन की बात
जवान पर आ ही गई
पर अचानक चुप्पी देखी
जब देखा शब्दों का
पर अचानक चुप्पी देखी
जब देखा शब्दों का
टोटा हुआ है
मूंह तक आते आते
कहीं अटक जाते
जाने कहाँ खो जाते
सोचने को बाध्य हुआ
ऐसा क्या करूँ कि
अपनी बात स्पष्ट कर पाऊं
तभी एक करिश्मा हुआ
न जाना कैसे उसने
मेरे दिल की बात सुन ली
जीवन खुशरंग हुआ
मेरे दिल की बात सुन ली
जीवन खुशरंग हुआ
मेरी जिन्दगी में
दूध में चीनी की तरह
दूध में चीनी की तरह
वह इक नई जिन्दगीं
सी घुलने लगी मुझमें |