10 अगस्त, 2015

मतदान के पहले


हैं जुझारू कर्मठ
दिन  रात जुटे  प्रचार में
लम्बी लिस्ट वादों की लिए
जूझ रहे विजय के लिए
पार्षद पद पाने के लिए
सदावर्त जगह जगह खोले
निमंत्रण खाने का देते  
नमक अपना खिला रहे है
मतदाता को पटाने को
जेब अभी  खाली होगी
आगे पांचो ऊँगली घी में होंगी  
यही मन में बसा हुआ है
वादे कसमें जता रहे हैं
सत्य निष्ठ हैं बता रहे हैं 
प्रचार अभी सब पर हावी
पर जनता जान गई है
नेताओं को पहचान गई है
कोई कितने भी वादे  करे
पारदर्शिता का दम भरे
उन्हें  अपना पेट भरना है
जनता जहां थी वहीं रहेगी
मर मर कर जीती रहेगी
कोई भी सत्ता में आए
रही सदा और रहेगी आगे भी
जनता की झोली खाली
यूं ही छली जायेगी
आम जनता बेचारी |