झरते आंसू अविराम
अफसोस है कुछ खोने का
अनचाहा घटित होने का |
आवेग जब कम होता
वह सोचता कुछ खोजता
एकटक देखता रहता
दूर कहीं शून्य में |
हो हताश कुछ बुदबुदाता
जैसे ही कुछ याद आता
निगाहें उठा फिर ताकता
उसी अनंत में |
छलकते आंसुओं को
रोकने की चेष्ठा कर
धुंधलाई आँखों से झांकता
फिर से परम शून्य में
जाने कितने अस्तित्व
समा गए अनंत में
फिर भी खोजता अनवरत
गंभीर सोच जाग्रत होता
अशांत मन में |
जो चाहा पूर्ण न हो पाया
प्रयत्न अधूरा रहा फिर भी
है सफलता से दूर भी
पर आशा अभी बाकी है |
आशा