बारम्बार लिखना लिखाना
फिर खोजना क्या नवीन लिखा
पर निराशा में डूब जाना
कुछ नया न लगा नए लेखन में |
बहुत बार पढ़ा पर मन असंतुष्ट रहा
कागज़ ढूंडा कलम ढूँढी पर मिल न पाई
यूंही घूमता रहा अपने कमरे में
किसी से सलाह लेनी चाही पर
सही सलाह न मिली अपनों से
सोचा जब तक सही राह न खोजूंगा
उलझा रहूँगा इसी कार्य में |
मन ने कहा दूरी न बढाऊँ
हार में जीत का मार्ग खोजूं
असफलता से न घबराऊँ |
जब असफलता हाथ चूमेंगी
पर मैं साहस का हाथ पकडे रहूँगा
पीछे मुड़ कर न देखूंगा
तभी सफलता पा सकूंगा
अपना मनोबल बनाए रखूँगा |
तब जो भी नया सृजन करूंगा
एहसास होगा कुछ नया लिखने का
नव लेखन की विधाओं की महक होगी
नए लिखे पंक्तियों में |
धैर्य भी है आवश्यक प्रतिफल को पाने के लिए
जिसने इससे मिल कार्य किया
सफलता का मुंह देख पाया
नवीन सृजन का आनन्द उठा पाया |
आशा सक्सेना