12 अप्रैल, 2014
10 अप्रैल, 2014
एक मतदाता
यह रचना एक सच्चे किस्से पर आधारित है |जब लोग अपना वोट मतदान पेटी में डाला करते थे |
![](https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEgIHNZLxIBXlvbt-m8OoJ1kO499EYw6iUKpho_s6QXHrqXKl56IGb3rq6nTPBpxjg5YMpFJkLyQci7UXVT9sD3b7Dz3lZOJsqMs1ZRXuAZikjTA-bmdZtm_BovdrDFqE3a8XRQu__nGsF0/w260-h194-no/mudda-9-041211.jpg)
एक प्रत्याशी आया
बड़े प्रलोभन लाया
टेम्पो में सब को लिया
बूथ तक ले आया |
तुमने वोट दिया
मैंने भी वोट दिया
एक महान कार्य
सम्पन्न किया |
एक सीधा साधा प्राणी
बड़े उत्साह से आया
लिस्ट में नाम खोज
बूथ में प्रवेश पाया |
स्याही लगवाई
जोर से गुहार लगाई
वोटिग मशीन
कहाँ है भाई |
चेहरा खुशी से
दमकता था
जब एक साथ
कई बटन दबाए |
उत्सुक प्रत्याशी
पूछ बैठा
किसको वोट दिया
जवाब मिला
सब को खुश किया |
आग बबूला प्रत्याशी
अपना आपा खो बैठा
घूंसे लात जमाए
वहीं छोड़ कर चल दिया |
चोट खाया वोटर
सोच में डूबा
सब को खुश किया उसने
क्या गलत किया |
आशा
07 अप्रैल, 2014
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