मैं खोती तो दुःख न होता
राह खोज ही लेती
मंजिल तक पहुँच मार्ग
बना ही लेती |
पर हूँ परेशान इसलिए
कि मेरा सुकून खो गया है
अकारण मन बहुत
बेचैन हो गया है |
अब तो मुस्कुराने पर भी
अधिभार लगता है
बाहर कदम बढाने पर
परमिट लगता है |
यदि भूली कोइ प्रमाणपत्र
बहुत शर्म आती है
पढ़े लिखे होने का तमगा
चूंकि माथे पर लगा है |
चूंकि माथे पर लगा है |
मुझसे तो वे ही अच्छी हैं
जो हैं निपट गंवार
आत्म बल तो है उनमें
भय नहीं स्वतंत्र विचरण में |
खोखली मान्यताओं ने
निर्बल बना दिया
सुकून भी खोज न पाई
जाने कहाँ भूल आई |
आशा