यह क्या किया ?
तुमने उसे  भुलाया बेखुदी में 
सोचने समझने का
अवसर तक न दिया |
तुम्हारी बेखुदी अकेले
उसे रास न आई 
अधर में लटकी रही
ना जीने दिया ना मरने दिया |
उसने अपना आपा खोया
 दुनियादारी से नाता तोड़ा 
डूबी रही बेखुदी में
अपने दिल की गहराई में |
उसने क्या गलत किया था 
जिसकी सजा दी तुमने उसे
वह खोई बढ़ती का रही
काँटों से भरी अनजानी गलियों में|
तुम बातें तक नहीं करते
सदा गुमसुम रहते 
ऎसी बेखुदी किस काम की
तुमने उसे भुलाया |
उसने अपनी उलझनों की
हवा तक न लगने दी तुम्हें
 सदा हंसती रही खिलखिलाती रही
 पर बेखुदी में तुम भूले उसे |
.jpg)
 
 


.jpg)
.jpg)