25 मार्च, 2022

ज़िद


                                       क्यों ज़िद पर अड़े हो 

कोई काम करते नहीं 

उपर  से सब को

 दोष देते हो |

है यह कैसा न्याय तुम्हारा 

औरों की भी सुनो  

समस्या समझो

अपनी ज़िद छोड़ो |

तभी तुम्हें सब प्यार करेंगे 

अपना समझेंगे 

तुम्हारी अहमियत है कुछ 

इसे स्वीकार करेंगे |

तुम्हें इतना सम्मान मिलेगा 

मन चाहा स्थान मिलेगा 

पर यदि जिद नहीं छोड़ी 

यह स्थान भी हाथों से निकल जाएगा|

तुम तरसते रह जाओगे 

अहंकारी कहलाओगे 

बहस में कोई लाभ नहीं होगा |

कुछ करो

 कुछ बन कर दिखाओ 

यही चाह है सब की 

ज़िद में कुछ नहीं रखा है |

आशा 


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