10 सितंबर, 2022

हाइकू

 


१-यही है प्यास

मेरे मन की आस 

मुझे खुशी है

२-दिल दीवाना

नहीं  बेगाना तेरा

मुझ सा नहीं

३- राम भरोसे

सब छोड़ दिया है  

हुई सुखी मैं

४-हुए विलीन

पञ्च तत्व में यहीं

दुनिया छोड़ी

५-तुम ने छोड़ा

मोह दीन  दुनिया

हुए स्वतंत्र

६-न मोह माया

ना ही कोई बंधन

जीवन मुक्त

७-यादों  में रहो

 ये बंधन जन्मों का 

तुम्हें नमन 

आशा सक्सेना 


09 सितंबर, 2022

तुम दूर हुए मुझसे

 

 

 जब बांह थामी थी मेरी

 वादा किया था साथ निभाने का 

जन्म जन्मान्तर का साथ अधूरा क्यों छोड़ा?

आशा न  थी मध्य मार्ग में  बिछुड़ने की 

उस वादे का क्या जो जन्म जन्मान्तर तक

 साथ निभाने का किया था

जब किया वादा सात वचनों का  

 मुझे अधर में छोड़ा और विदा हुए 

यह भी न सोचा कि  मेरा क्या होगा `

 जीवन की कठिन डगर एक साथ पार की

जब सारी जुम्मेदारी मिलकर झेली 

फिर जीवन से क्यूँ घबराए

मुझे भी तो संबल की आवश्यकता थी तुम्हारी  

यह तुम कैसे भूले न कुछ कहा न सुना 

मेरे  मन को झटका लगा यह क्यूं भूले 

अकेली  मुझे  मझधार में छोड़ दिया 

जाते तब पता अपना तो बता जाते 

मैं भी तुम्हारे पीछे आ जाती

बाधाओं से न घबराती  


आशा लता सक्सेना

                                                                                                 

 

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07 सितंबर, 2022

मैंने तुमसे बहुत कुछ सीखा है

 

 

मैंने तुम से बहुत कुछ सीखा है

शयद कुछ और नहीं

कई बार कभी तालमेल न हो पाता

मुझे बहुत क्रोध आता था

तभी मैं जान पाती था अपनी कमियाँ

अपने पर नियंत्रण रख पाना

बहुत कठिन होता था

मुझे लज्जा का अनुभव होता

फिर आंसुओं का सैलाब उमढता

उन्हें पौछ्पाने के लिए

कोई रूमाल आगे नहीं आता

यह अधिकार केवल तुम्हें दिया था मैंने |

अब सोचती हूँ कौन सांत्वना  देगा

अब मुझे तुम न जाने किस दुनिया में खो गए हो

 अब कैसे अपना समय बिताऊंगी

 जीवन माना क्षणभंगुर है

 क्षण क्षण बिताना बहुत कठिन है

 |कभी लगता है तुम्हें मुक्ति मिल गई है

बस एक ही बात का दुःख है

तुमने मुझे अकेला अधर में क्यों छोड़ा

अपना वादा क्यों तोड़ा |

आशा लता सक्सेना