17 जून, 2022

गुलदस्ता

 

              तुम्हारा स्नेह और दुलार है 

एक गुलदस्ते सा

जिसकी पनाह में पलते 

कई प्रकार के पुष्प |

बहुत प्रसन्न रहते

 एक साथ घूलमिल कर

कोई नहीं रहता अलग थलग 

 मानते एक ही परिवार का सदस्य अपने को |

यही बात मुझे अच्छी लगती 

उस रंगबिरंगे  गुलदस्ते की 

सबके साथ एकसा 

सामान व्यवहार होता वहां 

कोई भेद भाव नहीं आपस में|

वे एक ही बात जानते 

वे बने हैं गुलदस्ते के लिए 

तभी सब मिलजुल कर रहते 

यही गुलदस्ते को देता विशिष्ट स्थान | 

मनभावन पुष्पों को माली सजाता 

  सब को समान  रूप से देखता 

 पुष्पों को रंग के अनुसार सजाता  

वह पुष्प चुनने में सहायक होता

मुझे उस में तुम्हारा   

ममता भरा चेहरा दीखता 

यही आकलन है मेरा तुम में 

 तुम गुलदस्ते सी हो

परिवार के लिए | 

आशा  

 


 

13 जून, 2022

किसी के कहने सुनने से


 

किसी के कहने सुनने से

 कुछ ना होता पर

जब मन को धुन आए

बिना कहे रह न पाए |

मनमोजी होना मन का

 कोई नई बात नहीं है

पर खुदगर्ज होना है गलत

यही समझ समझ का है फेर |

यही बात समझ में आजाए

मानव मन को संतुष्टि आजाए

फिर जो चाहे कर पाओगे

कोई कठिनाई न होगी |

आपस में तालमेल की जरूरत न होगी

अपने आप सामंजस्य

 हो जाएगा दौनों में |

आशा