ग्राम छोटा सा
जीवंत लोग वहां
मस्ती में जीते |
चौपाल पर
शाम ढले आजाते
भजन गाते |
नाचना गाना
ढोल की थाप पर
रोजाना होता |
कच्चा टापरा
द्वार पर खटिया
खेलते बच्चे |
पीपल तले
ठंडी ठंडी छाँव में
राहत मिले |
द्वार पर खटिया
खेलते बच्चे |
पीपल तले
ठंडी ठंडी छाँव में
राहत मिले |
आम की पाल
खुलेगी आज अभी
ग्राहक आए |
कुए का पानी
गौरी भरने चली
ले कर घड़ा |
गांधी चरखा
सूत कातती बाला
व्यस्त कार्य में |
काम ही काम
नहीं कोई आराम
यही जीवन |
आशा
खुलेगी आज अभी
ग्राहक आए |
कुए का पानी
गौरी भरने चली
ले कर घड़ा |
गांधी चरखा
सूत कातती बाला
व्यस्त कार्य में |
काम ही काम
नहीं कोई आराम
यही जीवन |
आशा