शब्द वांण विष से
बुझे ,करते गहरे घाव |
वो ही करता सामना ,जिसका
होवे ठांव ||
हुआ मनाना रूठना ,बीते
कल की बात |
धन न हुआ तो क्या
हुआ ,है अनुभव का साथ ||
निमिष भर अकेला रहा
,लागी मन को ठेस |
जब समय के साथ चला
,मिटने लगा कलेश ||
अभिनव प्रयासरत रहा ,ना
है दिल पर बोझ |
कुछ नया बन कर रहेगा ,होगी नई खोज ||
कभी न हिम्मत हारता
,जो चलता अविराम |
भव सागर से तर जाता
,ले कर प्रभु का नाम ||
आशा